कुछ दिनों से मैंने हांडी में खाना पकाना शुरू किया है । हांडी में पका खाना सेहत के नज़रिए से तो फ़ायदेमंद होता ही है ,साथ ही स्वाद में भी बेजोड़ होता है । मिट्टी की सौंधी सौंधी महक खाने में रच बस सी जाती है । बनिस्बत स्टील और एल्युमिनियम बर्तनों के मिट्टी के बर्तन में पके खाने में पोषक तत्व कम मात्रा में ही नष्ट होते हैं ।
आप लोग भी ट्राय कीजियेगा ,पर एक आग्रह करूंगी आप लोगों से कि कृपया ज़्यादा मोल भाव मत कीजियेगा । कुंभकारों का व्यवसाय धीरे धीरे सिमटता जा रहा है । तिस पर इतने श्रमसाध्य काम के बाद भी उचित मेहनताना ना मिलना इन्हें तोड़ कर रख देता है । ये बातें मैंने इस हांडी वाले भैया से बातचीत के बाद जानी । ये हांडी मैंने सिर्फ़ 60 रुपये में ली ,जो कि एक किलो की है । तो अगली बार जब भी कुम्हार ,मोची जैसे छोटे छोटे मगर हाड़तोड़ मेहनती व्यवसायियों के पास जाए ,मोलभाव का उसूल घर रख कर जाएं ।ये छोटी सी ग़ुज़ारिश है ।
बहरहाल अब आते हैं , मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने के तरीके पर । तो हांडी को लाते ही हम गैस या चूल्हें पर नहीं चढ़ा सकते ,इसके लिए हांडी को तैयार करना होगा ।
हांडी को तैयार करने के लिए उसे 4-5 दिन के लिए पानी में भिगो दें ।फिर गोबर और पीली मिट्टी (ये ना हो तो बगीचे की मिट्टी) के लेप से बाहरी भाग का लेपन करना है। ये लेप उतारना नहीं है । सूख जाने देना है ।
अंदरुनी भाग का घी या सरसों के तेल से लेपन करना है ।अब हांडी बिल्कुल तैयार है खाना पकाने के लिए । बाहर का गोबर मिट्टी का लेपन आग के संपर्क में आकर धीरे धीरे ख़ुद ही मजबूत होता जाएगा ।
तो देर किस बात की ,आप भी घर ले आइए ,बहुत सस्ती मग़र स्वास्थ्यवर्धक मिट्टी की हांडी !!
Aritcle लिखा है – Guest ब्लॉगर सुरभी सारस्वत
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