राजस्थान में मटके का महत्व हर एक राजस्थानी या कह सकते है हर इन्सान को पता है, मान लीजिये आप भरी धूप में कहीं जा रहे है, और आपको बहुत प्यास लगी है, चलते-चलते आपको पेड़ के नीचे रखा एक मटका दिख जाये, और जब उस मटके के पानी का पहला घूंट आपके गले में उतरता है, उसी क्षण हम उस मटके के ठन्डे पानी की जो तारीफ करते है, उसका सारा श्रेय में मानता हूँ कि उस मटके बनाने वाले को जाना चाहिए !!
जी हाँ, आज की कहानी जो हम आपके लिए लाये है, वो एक मटका बनाने वाले कुम्हार की है, जो पिछले 42 सालो से अपने हाथों से बने मटकों को जोधपुर वासियों तक पंहुचा रहे है !! आइये मिलते है जोधपुर के सालावास में रहने वाले इकबाल खान “ कुम्हार ” से और जानते है उनकी कहानी !!
मेरा नाम है इक़बाल खान है, हमारा पुश्तेनी काम है मिट्टी की वस्तुएँ बनाना, मेरे पिता और दादा भी यही काम किया करते थे, हमारे यहाँ पिछले 42 सालो से मिट्टी से बनी वस्तुएँ जैसे मटका, हांड़ी, मिट्टी का तवा, flower Pot, मिट्टी के खिलौने, Decorative Items लगभग मिट्टी की सभी प्रकार की वस्तुएँ यहाँ बनाई जाती है !!
पिछले 30 साल से हमारे यहाँ देश विदेश से लोग इस काम को देखने, सीखने और महसूस करने के लिए आते है, लगभग हर देश से लोग यहाँ आ चुके है, जिनमे अमेरिका के राजदूत भी शामिल है, यंहा bollywood सेलिब्रिटीज या यूँ कह लीजिये कि देश के कई VVIP जैसे सचिन तेंदुलकर की पत्नी और बच्चे , मुकेश अम्बानी की पत्नी नीता अम्बानी, गौतम गंभीर और कई प्रसिद्ध लोग भी यहाँ आ चुके है !! एक विदेशी महिला ने हमारे इस काम पर एक क़िताब लिखी है जिसमे उसने राजस्थान में मटके के महत्व को बताया है,
हमारे द्वारा बनाई गयी वस्तुएँ देश विदेश में बेचीं जाती है, और जोधपुर की कई होटलस मैं हमारे काम के बारे में पर्यटकों को बताया जाता है, हमारे यहाँ कई Items ऐसे भी है, जिन्हें अलग –अलग भागो मैं बनाया जाता है , फिर उसे जोड़ा जाता है फिर उस पर carving और पेंट से फिनिशिंग दी जाती है, हमारे घर मैं सबको ये काम करना आता है घर के बच्चे , महिलाएं भी इसमें हाथ बटाती है, लेकिन आजकल हमारी नई पीड़ी इसमें कम रूचि लेती है, हम जितनी सिद्दत से इस काम को किया करते थे, उतना नई पीड़ी नहीं करती है, मुझे तो ऐसा लगता है धीरे– धीरे ये कला खत्म हो जाएगी !!
दोस्तों ये कलाएं हमारे देश और संस्कृति की विरासत है, हमे मिलकर इसको बचाना पड़ेगा, इकबाल खान जैसे कलाकारों को हमे support करना चाहिए , और इस कला को आगे पहुँचाना हमारी जिम्मेदारी है, आप सबसे अनुरोध है कि मिट्टी से बनी वस्तुओ को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करे और देश में बनी स्वदेशी चीजों को खरीद कर देश के विकास में योगदान दे, शुक्रिया !!
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