हर काल और समय के ऐतिहासिक पहलू में धार्मिक स्थलों और स्मारकों का उतना ही महत्व रहा है जितना की ऐतिहासिक भवनों और अन्य निर्माणों का. मारवाड़ में ऐसे कई धार्मिक स्थलों का अस्तित्व आज भी है जो लोगों के आस्था, भक्ति और आश्चर्य का स्त्रोत हैं.
ऐसा ही एक आश्चर्य है अधर-शिला मंदिर, जो जोधपुरके नागौरी गेट में स्थित है. एक सीधी खड़ी चट्टान की शिला पर बना है राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेव जी का मंदिर. यह चट्टान धरातल से करीब 150 फीट ऊँची है. मंदिर की प्राचीनता का प्रमाण है यहाँ उपस्थित रामदेव जी के पदचिन्ह. भाद्रपद में यहाँ लोक देवता का प्रसिद्ध मेला लगता है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ दर्शन करने आते हैं.
मंदिर तक पहुँचने का रास्ता बहुत ही जोखिम भरा है. मंदिर में एक बार में एक साथ केवल 12 या 15 लोगों को ही रुकने की अनुमति है. ऊपर पहुँचने के बाद एक छोटी सी गुफा में है बाबा रामदेव जी के पदचिन्ह. जिसके दर्शन करने श्रद्धालु लोहे की बनी जोखिम भरी सीढ़ियाँ चढ़ने के लिए भी सक्षम है. शिला के शिखर पर पहुँच कर जोधपुर का सुन्दर नजारा देखना यहाँ के आम लोगों को बहुत लुभाता है.
शिला के नीचे की ओर ही शिव परिवार, राधा-कृष्णा, मंछापूर्ण बालाजी, गुरु बालिनाथ जी आदि देवताओं के मंदिर है. बिभिन्न धार्मिक उत्सवों और अवसरों पर आस-पास के निवासियों द्वारा यहाँ भजन-कीर्तन का आयोजन होता रहता है. जिससे यहाँ का वातावरण निर्मल और भक्तिमय हो जाता है.
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