उम्मेद जनाना अस्पताल, जोधपुर का एक ऐसा बहुचर्चित भवन जो अधिकतर जोधपुरवासियों के जन्म का साक्षी रहा है. जोधपुर में शायद ही कोई ऐसा हो जो इसके बारे में नहीं जानता होगा.
उम्मेद जनाना अस्पताल का निर्माण महाराजा उम्मेदसिंह जी ने करवाया था. महाराजा उम्मेदसिंह जी को आधुनिक जोधपुर का निर्माता कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने शासन काल में जोधपुर में कई नवीन और आधुनिक कार्य करवाये थे.
सन् 1936 में महाराजा उम्मेदसिंह जी ने अपने हाथों से अस्पताल की नींव रखी थी और इसका निर्माण कार्य 1938 ईं. में पूरा हुआ. अस्पताल का उदघाटन महाराजा उम्मेदसिंह जी की पुत्री राजेंद्र कंवर के हाथों एक भव्य समारोह के साथ करवाया गया.
उस समय इस अस्पताल को बनाने में करीब 12.5 लाख रूपये का व्यय हुआ था. अस्पताल में 66 बीमार महिलाओं के रहने हेतु कॉटेज वार्ड और 500-1000 मरीजों के लिए जनरल वार्ड बनाए गए.
सेठ चम्पालाल खींचन और मूलराज गोलेच्छा ने अस्पताल के निर्माण में 27000 रूपये की आर्थिक सहायता की थी अतः उनकी स्मृति में महाराजा ने उनके नाम की पट्टिका अस्पताल में लगवाई तथा उन्हें सोना, पालकी और कैफियत का सम्मान भी दिया.
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