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Patience (धैर्य) ही सफलता की कुंजी है – A Story of Suresh Rathi

Patience (धैर्य) ही सफलता की कुंजी है – A Story of Suresh Rathi
Madhusudan Verma

“ चाहे व्यापार हो ,परिवार हो या समाज, जिस व्यक्ति में धैर्य होता है, वही व्यक्ति एक दिन सफल होता है ”!! – सुरेश राठी

मेरा नाम सुरेश राठी है, मैंने CA किया हैं और शेयर ब्रोकर हूँ | मेरा जन्म जोधपुर में हुआ, मेरा घर खाण्डा फलसा में था, मेरे पिताजी की गोली – बिस्किट व स्टेशनरी की दुकान थी, वही हम 5 भाई बहन बड़े हुए और पढाई भी वही से हुई है !!

Higher Secondary की पढाई मेरी दिल्ली से हुई, B.Com मैंने जोधपुर से किया और CA की पढाई मुंबई और कलकत्ता से पूरी की!! बचपन में, मैं बहुत शरारती बच्चा हुआ करता था, मैं पढने में कुछ खास नही था और मेरे marks कम ही आते थे !! मैंने 1979 में CA Complete किया इसके बाद मैं कलकत्ता चला गया मेरे बड़े भाई आनंदजी राठी कलकत्ता में रहते थे, वहां मैंने दो साल व्यापार किया, फिर आनंदजी मुंबई चले गये , तो मैं भी जोधपुर आ गया ! और यहाँ इंडस्ट्री लगाना चाहता था लेकिन उस समय 1981 में इंडस्ट्री में बहुत मंदी थी, चूँकि मेरी मुम्बई और कलकत्ता से CA की पढाई हुई थी तो मुझे शेयर मार्केट की बेसिक जानकारी थी !! तो मेरे जान पहचान वाले लोग मुझे शेयर मार्केट के बारे में पूछा करते थे कि कौनसा शेयर अच्छा है, कौनसा IPO अच्छा रहेगा, कहाँ पैसा लगाना चाहिए !! तो मेरे दिमाग मैं आया क्यों ना यही शेयर मार्केट का व्यापार ही शुरू कर लिया जाये, उस समय यह करना आसान नहीं था काफी लोग मेरे विरुद्ध थे, कि तुम CA होकर कैसे शेयर मार्केट में काम कर सकते हो, क्योंकि उस समय अनपढ़ और कम पढ़े लिखे ही शेयर मार्केट का काम किया करते थे ! पर आज की तारीख में अगर आप देखंगे तो ज्यादातर CA शेयर मार्केट से जुड़े हुए है !!

मैंने 1981 में शेयर मार्केट का काम चालू किया, जो जोधपुर का सबसे पहला शेयर मार्केट का व्यापार था! 1990 तक मेरी “financial Balance Sheet ” ज़ीरो थी इसका मतलब मैंने 10 साल में कुछ भी नहीं कमाया! लेकिन 1990 के बाद जब हर्षद मेहता का टाइम आया तब 2 साल में मैं लखपति से करोड़पति बन गया!! तो मैं लोगों से यह कहना चाहता हूँ की, आपका टाइम कभी भी U –Turn ले सकता है, कभी भी आपकी मेहनत खाली नहीं जाती, आप बस धैर्य रखिये !! आप रोज मेहनत करते रहिये विश्वास रखिये एक दिन आपका टाइम भी आएगा !!

आपको मेरी जिंदगी की एक घटना बताता हूँ बात 12 मार्च 1992 की है मैं मुंबई था, मैं कभी Bombay Stock Exchange की बिल्डिंग नहीं जाता था, मेरा स्टाफ ही जाता था !! उस दिन मैं BSE गया, एक घंटे बाद जब मैं बिल्डिंग से बहार आया, तो मेरे सामने जो नज़ारा था वो बड़ा ही दर्दनाक था, उस दिन बम ब्लास्ट हुआ था, सब लोग इधर उधर भाग रहे थे, मैंने बम ब्लास्ट सिर्फ मूवीज या पेपर में ही देखा था !! उस धमाके से मुझे लगा की बिल्डिंग मेरे ऊपर गिर रही है, BSE की जो बिल्डिंग है वो 32 माले की है, तो मैं कोने में जाकर खड़ा हो गया, चारो तरफ अफरा तफरी मची हुई थी , आधे घंटे बाद एक सज्जन मेरे पास आकर बोले आपके चेहरे पर चोट लगी है, वहां से मुझे बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया, मेरे चेहरे पर कांच के टुकड़े लगे हुए थे, उस बम ब्लास्ट में मेरे चेहरे पर 60 टांके आये !! जिसका इलाज मेरे सालेजी डॉ चितलांगिया ने बखूबी से किया!

उस दिन जब मेरा ऑपरेशन चल रहा था, तो मेरे दिमाग मैं एक ही बात घूम रही थी “हे भगवान् आपका शुक्रिया एक नया जीवन देने के लिए ” तब मैंने सोचा जिंदगी में पैसा तो कमा लिया लेकिन कुछ अच्छा काम नहीं किया!! अब कुछ ऐसा काम करूँगा की भगवान भी मुझे धन्यवाद देगा !!
उसके बाद मेरी फैमिली के साथ 1993 में जोधपुर शिफ्ट हो गया, मेरे माता पिता जोधपुर ही रहते थे ! मेरे इस फैसले से सभी लोग अचम्भित व नाराज़ थे ! सभी मुझसे एक ही बात कह रहे थे, “लोग तो आगे बढ़ते है और तू वापस पीछे जा रहा है ”, उस समय मेरा मुंबई में काम बहुत अच्छा चल रहा था, फिर भी मैंने निश्चय कर लिया था कि मुझे जोधपुर जाना है, आज मेरे परिवार के वही सारे लोग मुझसे खुश है, और कहते है तुमने जोधपुर आकर बहुत सही निर्णय लिया !!

Suresh Rathi With Brother Anandji Rathi & Family

बिना फैमिली सपोर्ट के कोई भी व्यक्ति आगे नहीं बढ़ सकता, मेरे बड़े भाई आनंदजी को में मेरा कर्मदाता मानता हूँ, उन्होंने मेरी जिंदगी के हर पड़ाव पर मुझे सपोर्ट किया !! मेरी सफलता में मेरी पत्नी शशि व बच्चें सौरभ व सुरभि का बहुत सहयोग रहा है!

वर्तमान में मेरी कंपनी की बागडोर मैंने अपने बेटे सौरभ को सौंप दी है, मेरा व्यापार प्रमुख रूप से मुंबई, राजस्थान, अहमदाबाद और सूरत में हैं!! एक अच्छी टीम के बिना कोई व्यापार उन्नति नहीं कर सकता है, हमारी टीम में 125 का स्टाफ है और 125 ही बिज़नेस एस्सोसीएट्स है !!

Blogger Experience:

दोस्तों ये थी कहानी सुरेश राठी जी की, राठीजी के साथ बिताये 2 दिन मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक थे, मैंने जो सबसे महवपूर्ण बात उनकी लाइफ स्टाइल में महसूस की वो यह थी की राठीजी हर छोटी से छोटी चीजों को महत्व देते है, चाहे कोई व्यक्ति हो या उनकी दिनचर्या का हिस्सा !! राठीजी ने तो अपना जून 2020 तक यात्रा कार्यक्रम भी अभी से तय कर रखा है, एक छोटी सी पर्ची पर लिखा हुआ schedule हमेशा उनकी पॉकेट में रहता है, राठीजी ट्रेवलिंग के बहुत बड़े शौकिन है , वे पूरा भारत और पूरा विश्व लगभग घूम चुके है, और 2020 उनका लक्ष्य है वे पूरा वर्ल्ड घूम लेंगे !! राठीजी से मैंने बहुत कुछ सीखा व उम्मीद करता हूँ उनकी लाइफ स्टोरी से आपको भी कुछ सीख मिलेंगी!

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Madhusudan Verma

Hi, My Name is Madhusudan Verma you can call me 'MDEE'. I believe I can tell a story through my camera and blogs. Also, I love pets and Motorcycle. I am a solo traveler and if you want to know more about me go to my youtube channel "Xplore with MDEE".

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