राजस्थान की गरम जलवायु की वजह से यहाँ का खान-पान अलग ही विशेषता रखता है. यहाँ पर सूखी सब्जियों का विशेष महत्व है. बड़ी मात्रा में इन्हें तैयार करके सुखा कर रख लिया जाता है जो साल भर तक ख़राब नहीं होते हैं. जब भी खाने के लिए हरी सब्जी की समस्या आती है तो इन सूखी सब्जियों को काम में लिया जाता हैं और बड़े चाव से खाया जाता है. उन्हीं में से एक है रबोड़ी.
रबोड़ी सर्दियाँ शुरू होने साथ ही तैयार की जाती है क्यों कि बड़े-बुजुर्ग कहते हैं राबोड़ी पापड़ सर्दियों के मौसम में ही सही बनते हैं.
सामग्री:
मक्की का आटा – 500 ग्राम (बारीक पिसा हुआ)
खट्टी छाछ – 3 किलो
लालमिर्च पाउडर – 1 चम्मच
धनिया पाउडर – 1 चम्मच
जीरा – 1 चम्मच
अज़वाईन – 1 चम्मच
हल्दी पाउडर – ¼ चम्मच
नमक – स्वादानुसार
तेल – 1 बड़ा चम्मच
विधि
मक्की के आटे को छलनी से छान लें.
उसमें लाल मिर्च, हल्दी, धनिया पाउडर और नमक मिला दें. साथ ही जीरा और अज़वाईन को भी हाथों से मसल कर उसमें डाल दे. मसलने से जीरा और अजवाईन का स्वाद और खुसबू बढ़ जाती है. अब इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिला ले.
एक बड़े बर्तन में खट्टी छाछ लें और उसमें मक्की का आटा जिसमें सभी मसाले मिलाये है, धीरे धीरे अच्छे से हिलाते हुए डालें. ध्यान रखे गांठे ना बने और अगर बन भी जाए तो मथनी से मथ कर गांठो को मिटा दें.
धीमी आंच पर उबाल आने तक हिलाते हुए इस मिश्रण को पकाएं. लगभग 15 मिनट तक घोल को पकाएं और थोड़ी थोड़ी देर से हिलाते रहें ताकि वो बर्तन में जले नहीं. तैयार होने पर घोल को आंच से उतार लें.
अब धुप में बड़ा प्लास्टिक पेपर बिछा लें और उस पर बड़ी करछी की सहायता से घोल को उस पेपर पर पतला फैला दें.
इसी तरह पुरे घोल से पेपर पर थोड़ी थोड़ी जगह छोड़कर फैला दें.
अब इसे लगभग 24 घंटों तक सूखने के लिए छोड़ दें.
सूखने के बाद इसे स्टोर करके रख लें और जब भी कोई सब्जी नही सूझे तब इस रबोड़ी पापड़ की सब्जी बनाकर मज़े से खाएं.
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