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राजस्थान की शुष्क जलवायु के कारण यहाँ रेगिस्तान में पाई जाने वाली सब्जियों की अलग ही विशेषता है जो आज के समय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो चुकी हैं. राजस्थान की पारम्परिक सब्जियों में सबसे महत्वपूर्ण स्थान है पचकुटा का.
पचकुटा मारवाड़ के मरूस्थलीय प्रदेश में पैदा होने वाली पांच प्रकार की वनस्पतियों का मेल है. जिनमें प्रमुख है कैर, सांगरी, कुमठिया, गुंदा और लाल मिर्च. इन सभी को सुखा कर रख लिया जाता है जिससे ये लम्बे समय तक खराब नहीं होती है. इसी प्रकार और भी कई ऐसी सब्जियां है जिन्हें सुखाकर तैयार किया जाता है जिनमे बड़ी(मंगोड़ी), रबोड़ी, पापड़ आदि प्रमुख हैं. बाज़ार में ये सुखी चीजें आसानी से मिल जाती हैं. आज हम राजस्थान की इस प्रसिद्ध सब्जी पचकुटा बनाने की विधि बताएँगे.
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सामग्री:
सांगरी – 2 कटोरी
कुमठिया – 1 कटोरी
कैर – ½ कटोरी
गुंदा – ¼ कटोरी
साबुत लाल मिर्च – ¼ कटोरी
सूखी अमचुर – ¼ कटोरी
तेल – 2 बड़े चम्मच
हींग – ¼ चम्मच
जीरा – ½ चम्मच
लाल मिर्च पाउडर – ½ चम्मच
हल्दी पाउडर – ½ चम्मच
धनिया पाउडर – 1 चम्मच
नमक – स्वादानुसार
विधि:
वैसे तो आज का जमाना instant recipes का है पर पारम्परिक तरीके से पके हुए खाने का ही मज़ा वास्तव में है. मसालों का सही मिश्रण और उन्हें आराम से धीमी आंच पर और सही समय तक पकाना, मैं मानता हूँ इसी से खाने का वास्तविक रूप निखरता है और उसका स्वाद आता है.
सांगरी, कैर, कुमठिया, गुंदा और अमचूर को 7 से 8 घंटे के लिए भिगो दें.
लोहे या स्टील की कड़ाही में तेल गर्म करके उसमें जीरा दाल दें. जीरा तड़कने के साथ ही उसमें साबुत लाल मिर्च और बाकी मसाले भी मिला दें और 2 चम्मच पानी डालकर हिलायें ताकि मसाले जले नहीं.
आधा मिनट बाद उसमें भीगे हुए कैर, सांगरी, कुमठिया, गुंदा और अमचूर दाल कर अच्छे से मिला लें.
और धीमी आंच पर ढककर 1 या 2 मिनट तक पकने दें. फिर उसमें आधा काप पानी मिलाकर हिलाएं और पुनः ढककर पकने दें. थोड़ी थोड़ी देर से पचकुटा को करछी से हिलाते रहें औरअगर जरुरत हो तो थोड़ा पानी और मिला दें.
10 से 15 मिनट बाद आंच बंद कर दें. पचकुटा तैयार है. गरम या ठंडी पुरियों के साथ इसका मज़ा लें.
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वैसे ये राजस्थान की सदाबहार सब्जी है. शीतलाष्टमी के दिन इसका विशेष महत्त्व है ठंडे के रूप में यह पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है. इसके अलावा पिकनिक में और ख़ास तौर से रेलगाड़ी के सफ़र में इसे खाने का मज़ा तो एक मारवाड़ी ही जानता है.
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