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दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस की महामारी के बारे में एक वैज्ञानिक ने किया राहत देने वाली खबर सुनाई है.
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और स्टैनफोर्ड बायोफिजिसिस्ट माइकेल लेविट ने दावा किया है कि कोरोना का खतरा जल्द ही समाप्त हो जाएगा. माइकल ने चीन में कोरोनावायरस की स्थिति को लेकर सटीक भविष्यवाणी की थी.
Los Angeles times में दिए एक interview में माइकेल लेविट ने कहा कि, असल स्थिति उतनी भयानक नहीं होगी जितना की माना जा रहा है. लेविट का ये बयान वर्तमान के डर और चिंता के माहौल में राहत देने वाला है. उनका बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि उन्होंने चीन में कोरोना वायरस से उबरने को लेकर जो भविष्यवाणी की थी वह काफी हद तक सही साबित हुई है. जहाँ अधिकतर हेल्थ एक्सपर्ट्स दावा कर रहे थे कि चीन को कोरोना वायरस पर कंट्रोल करने में लंबा वक्त लग जाएगा वहीँ लेविट ने इस बारे में बिल्कुल सही आनुमान बताया.
माइकेल लेविट ने अपनी पहली भविष्यवाणी में ही चीन में कोरोना संक्रमित और होने वाली मौता का आंकड़ा बताया था. चीन में 3250 मौत और कुल 80,000 लोगों के संक्रमित होने का अनुमान बताया था. वहीं, दुनियाभर के एक्सपर्ट्स का मानना था कि यह संख्या लाखों में जा सकती है. अब तक चीन में 3200+ मौत के और 81300+ संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं.
माइकेल लेविट दूसरे देशों के लिए भी चीन वाले ट्रेंड को ही फोलो कर रहे हैं. उनका कहना है कि अमेरिका भी जल्द ही कोरोना संक्रमण से उबर जाएगा. लेकिन, अभी आशंका लगाई जा रही है कि अमेरिका को उबरने में काफी समय लग सकता है. रोज आ रहे नए मामलों को देखते हुए माइकेल का दावा है कि अधिकतर देशों में रिकवरी होने के संकेत हैं. चीन और दक्षिण कोरिया में नए मामलों की संख्या में कमी हुई है. वहीं, दूसरे देशों में आंकड़ा अभी चिंताजनक है, लेकिन इसमें बहुत ज्यादा तेजी नहीं आएगी. वैज्ञानिक का यह भी मानना है कि कई देशों में आधिकारिक आंकड़ा कम टेस्टिंग की वजह से नहीं आ रहा है. फिर भी उनका अनुमान है कि मौजूदा आंकड़ों के आधार पर संख्या में गिरावट ही देखने को मिलेगी.
उनका ये निष्कर्ष दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए उम्मीद लेकर आया है. लेविट ने तमाम देशों में कोरोना वायरस को जड़ से खत्म करने की अहमियत पर भी जोर दिया हैं. लेविट के मुताबिक, सोशल डिस्टेंसिंग सबसे जरूरी है, खासकर इसका ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है कि बड़ी संख्या में लोग एक जगह इकठ्ठा ना हों, क्योंकि ये वायरस इतना नया है कि ज्यादातर जनसँख्या के पास इससे लड़ने की इम्युनिटी ही नहीं है और वैक्सीन बनने में अभी भी महीनों का वक्त लग जाएगा.
चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा है कि ये वक्त दोस्तों के साथ पार्टी के लिए बाहर जाने का नहीं है. माइकेल लेविट के अनुसार, सोशल डिस्टेंसिंग फिलहाल सबसे जरूरी कदम है. अधिक संख्या में लोगों का एक जगह इकठ्ठा होना खतरनाक है. ये वायरस नया है और दुनिया की ज्यादातर आबादी के पास इससे लड़ने की शक्ति (इम्युनिटी) नहीं है. कोरोना की शुरुआती पहचान जरूरी है. टेस्टिंग के लिए बॉडी टेंपरेटर सर्विलांस भी जरूरी है. चीन ने यही फॉर्मूला लागू किया है. साथ ही सोशल आइसोलेशन से ही इससे निपटा जा सकता है.
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लेविट ने ये भी कहा कि, इटली की वैक्सीन विरोधी मानसिकता ही शायद strong वजह थी कि वहां वायरस इतनी तेजी से फैल गया. फ्लू के खिलाफ वैक्सीन लेना जरूरी है क्योंकि फ्लू की महामारी के बीच कोरोना वायरस बुरी तरह से हमला कर सकता है और हॉस्पिटलों में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. ये भी आशंका बनी रहती है कि कोरोना वायरस के कई मामले सामने ना आ पाए.
इन सबके साथ ही माइकेल लेविट मानते हैं कि दुनिया में पैनिक को कंट्रोल करना भी बेहद जरूरी है. हालांकि, कोरोना वायरस से धीमी हुई इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर चिंता तो रहेगी और कई दिक्कतों का सामना आगे भी करना पड़ेगा. लेकिन इन सब से पैनिक होने की बजाय फिलहाल शान्ति बनाए रखना जरुरी है.
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